Header Ads

सबसे तेज खबर

गायवाला टीम ने 25 से 30 लोगो को इस दीवाली दिया रोजगार

गौरव जैन

रामपुर। पंचगव्य गौ अनुसंधान 10 साल से गाय के गोबर से बने लक्ष्मी गणेश जी बना रहा है और 10 साल पहले चलाई गयी इस मुहिम ने आज जन आंदोलन का रूप ले लिए है आज सभी गौशालाएं इस तरफ अपने कदम बढ़ा रही है। 
 टीम गायवाला (पंचगव्य गौ अनुसंधान केंद्र) से गौसेवक प्रांजल अग्रवाल ने बताया कि इस बार हमने गाय के गौबर के 5 लाख दीपक बनाने का लक्ष्य रखा था जिसको ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से घर घर पहुचाने का प्रण लिया था लेकिन इतना जन समर्थन मिलेगा इसकी उम्मीद नही थी। उन्होंने बताया कि दीवाली से 15 दिन पहले ही हमारा बनाया गया सारा स्टॉक दीपक और गणेश जी खत्म हो चुके है और हमारी टीम 3500 घरों तक ऑनलाइन दीपक और लक्ष्मी गणेश जी पहुँचा चुकी है। भारत का ऐसा कोई भी राज्य नही है जहाँ से हमारी वेबसाइट पर आर्डर नही आया हो। महाराष्ट्र , केरल, बैंगलोर, जम्मू , मध्यप्रदेश, और राजस्थान से सबसे ज्यादा आर्डर दिए गए है। ऑनलाइन बुकिंग 9 तारीख को बंद कर दी गयी है और अब रामपुर के लोगो के लिए हम बापू मॉल में स्टाल लगा रहे है।
उन्होंने बताया कि अब 100000 गोबर से बने दीपक और 5000 गोबर से बने लक्ष्मी गणेश जो को  रामपुर के बाजार के लिए रोका गया है और बापू मॉल में जिलाधिकारी द्वारा लगाये गए दीवाली मेले में दुकान नंबर 55 के माध्यम से लोगो तक पहुचाये जाएंगे। 

दीपक की विशेषता:

1) गोबर का होने के वाबजूद तेल नही सोखता
2)  गोबर का होने के वाबजूद जलता नही है दीपक
3) एक बार जलाने के बाद दोवारा भी प्रयोग में लाया जा सकता है
4) अगर पेड़ो या मिट्टी में डाल दे तो खाद का काम करता है
5) केमिकल से छुटकारा
6) गौशाला को समृद्ध बनाता है
7) लोकल कामगारों को रोजगार देता है।

गौसेवक प्रांजल अग्रवाल ने बताया कि योगी सरकार ने भी उत्तरप्रदेश में गाय के गोबर से बने  दीपक जलाने का आह्वान किया है और हम रामपुर में 5000 दीपक अपनी संस्था की ओर से जलाने की योजना बना रहे है।
उन्होंने बताया कि पंचगव्य गायवाला टीम ने 25 से 30 लोगो को इस दीवाली रोजगार दिया है। जिसमे गोबर से बने दीपक और लक्ष्मी गणेश जी बनाने, कॉल सेंटर में काम करने के लिए रखी गयी लड़कियों, मार्केटिंग में लगाये गए युवा और कूरियर एजेंसी में लगे लोगो को हमारी टीम ने रोजगार देने का काम किया है। कोशिश यही थी कि डामोर के लोगो को रोजगार मिले। हमारी टीम ने प्रदेश के कुम्हारों से भी संपर्क साधा है और माटी कला से जुड़े कुम्हारों को एक प्लेटफार्म देने के लिए एक नंबर चालू किया है 8755560666 इस नंबर पर अपने आस पास के कुम्हारों और शिल्पकारों को रजिस्टर कराकर उनको सशक्त किया जा सकता है। माटी बाजार के माध्यम से मिट्टी से बने बर्तनों को हमारी टीम प्रमोट कर रही है और अपने देश मे ही नही बाहर देशों में भी भारत की मिट्टी से बने बर्तनों और कला को पहुचाने का काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि दीवाली के बाद शिल्पकारों से संपर्क करके रामपुर में ही एक सेंटर खोलने की योजना चल रही है जिसके माध्यम से रामपुर में ही मिट्टी के बर्तनों को बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।

No comments

Powered by Blogger.