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पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ाने के इलावा सरकार के पास राजस्व का कोई दूसरा साधन नहीं है: नाज़िश खाँ

गौरव जैन


रामपुर। अखिल भारतीय राजीव गांधी विचार विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष व किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हाजी नाजिश खान ने  पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार लगातार पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ा रही है क्योंकि उसके पास राजस्व का कोई दूसरा साधन नहीं है। वरिष्ठ नेता ने यह दावा भी किया कि कोरोना संकट के समय भी भारत में पेट्रोल पर कर दुनिया में सबसे ज्यादा 69 फीसदी (बांग्लादेश के बाद) है और सरकार आम लोगों को कोई राहत नहीं दे रही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 80.67 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत 72.13 पैसे प्रति लीटर है। कीमतों की समीक्षा 82 दिनों तक स्थगित रखने के बाद लगातार 19 दिनों में, पेट्रोल की कीमत में  8.66 लीटर की बढ़ोतरी हुई है, जबकि डीजल की कीमत  10.63 के उच्च अंतर की वृद्धि की गई है।
हाजी नाजिश खान ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि मई 2014 में कच्चे तेल की कीमत 106 डॉलर प्रति बैरल थी तो देश में पेट्रोल की कीमत 71.40 रुपये प्रति लीटर थी। कच्चे तेल का दाम घटकर 38 डॉलर प्रति बैरल हो गया है लेकिन पेट्रोल की कीमत 80.67 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
उन्होंने दावा किया कि सरकार अपना खजाना भर रही है और बोझ आम लोगों पर पड़ रहा है । उन्होंने कहा कि मोदी और योगी को देश व प्रदेश की जनता पर इस आर्थिक मंदी के दौर में तरस नही आ रहा है,लोगो के पास खाने को नही है सरकार रोज पेट्रोल डीजल के दाम बड़ा कर मंहगाई बड़ा रही है। मै केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की योगी सरकार से माँग करता हूँ कि पेट्रोल और डीजल के दामों मे की गयी वृद्धि तत्काल वापस ली जाए। 
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को देश की आर्थिक स्थिति के बारे में सही जानकारी नहीं है, इसलिए पेट्रोल एवं डीजल की कीमत लगातार बढ़ाई जा रही है। सरकार के पास राजस्व का कोई साधन नहीं है इसलिए पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ा रही है।

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