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कवि एवं साहित्यकार जगदीश वियोगी का बीमारी के चलते हुआ निधन

गौरव जैन



रामपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग सह प्रमुख एवं मानवाधिकार सुरक्षा संघ के जिला अध्यक्ष अवधेश कुमार सिन्हा के पिताजी कवि एवं साहित्यकार जगदीश वियोगी का दिनांक 8/7/2020 को निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे पिछ्ले एक महीने से बीमार चल रहे थे । उनके निधन से रामपुर के कवि एवं साहित्यकार समाज मे शोक की लहर छा गई । जगदीश वियोगी दीप शिखा मंच के संस्थापक थे। उनके द्वारा कंचन प्रभा कृति का सम्पादन भी किया गया । 80 के दशक मे उनके द्वारा नीरज, उर्मिलेश, कुवर बेचैन ,सन्तोष आनन्द जैसे कवियो के साथ रामपुर नुमाईश का मंच भी साझा किया । वह श्रृंगार रस के कवि थे । उनके लिखे गीतो मे "पाँव मेरे अभी डगमगाओ नही मंजिले पार करनी पडेंगी बहुत, कैसे मै तुमसे मिल पाऊ कैसे जीवन साज स जाऊं एवं अध खिले फूल का श्रंगार नही होता है, जरा सी बात मे मेहमान बदल जाता है " आदि  प्रसिध्द है। वह पेशे से अध्यापक थे और वह जिन्दगी भर कविता एवं अध्यापन के जरिये रामपुर के लोगो की सेवा करते रहे ।

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