गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य उपचार एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए आमजन की सहभागिता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया चाइल्ड केयर एंड प्रोटक्शन फंड
गौरव जैन
रामपुर। जनपद में भिक्षावृत्ति या बाल श्रम में लिप्त बच्चों की शिक्षा व्यवस्था एवं जन्मजात शारीरिक या मानसिक अथवा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों का इलाज कराने के लिए प्रशासन द्वारा वृहद रूपरेखा तैयार की गई है।
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के निर्देशों के बाद श्रम विभाग सहित अन्य जिम्मेदार विभागों द्वारा भिक्षावृत्ति एवं विभिन्न जोखिम भरे कामों में लगे हुए बच्चों के साथ ही गरीब परिवारों के गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे बच्चों के स्वास्थ्य उपचार हेतु उन्हें चिन्हित करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
जिलाधिकारी ने ऐसे बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए बहुआयामी व्यवस्था को विकसित करने के साथ ही प्रत्येक जरूरतमंद बच्चे को आच्छादित करने के लिए जनपद स्तर पर 12 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ ही बच्चों के वेलफेयर की दिशा में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को भी शामिल किया गया है इसके अलावा विकासखंड स्तर पर भी संबंधित उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 07 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य उपचार एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए आमजन की सहभागिता को ध्यान में रखते हुए चाइल्ड केयर एंड प्रोटक्शन फंड बनाया गया है इसमें आमजन स्वेच्छा से दान कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि प्राय: ऐसे मामले संज्ञान में आते हैं जिनमें कई परिवारों के मेधावी बच्चे आर्थिक समस्याओं के कारण प्रारम्भित स्तर पर ही बेहतर शिक्षा व्यवस्था से जुड़ने से वंचित रह जाते हैं तथा गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे बच्चे भी आर्थिक समस्याओं के कारण बेहतर इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं। बच्चों का बेहतर भविष्य हमारे समाज और देश की उन्नति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है इसलिए बच्चों का सुपोषित एवं शिक्षित होना बेहद जरूरी है इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए चाइल्ड केयर एंड प्रोटक्शन फंड नाम से बैंक खाता खोला गया है जिसका संचालन मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
जिन बच्चों को लाभ प्रदान करने के लिए चिन्हित किया जाएगा उनका चयन अधिकारियों के साथ ही सामाजिक संस्था एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति किसी गरीब या जरूरतमंद बच्चे की शिक्षा का व्यय भार वहन करने अथवा बच्चों की गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए बच्चे को गोद लेना चाहते हैं तो ऐसे लोगों को भी कमेटी की अनुशंसा के उपरांत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अनुमति प्रदान की जा सकेगी।
जिला प्रोबेशन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि बच्चों के कल्याण के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा की विकास भवन ब्रांच में खाता संख्या 50120100003856 खोला जा चुका है जिसमें दान की गई धनराशि एवं व्यय की जिलाधिकारी के निर्देशानुसार नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देश दिए गए कि ऐसे बच्चे जिन्हें परिवार द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है तथा वे किसी न किसी कारण से राजकीय बाल गृह में आवासित हैं या जिन बच्चों के माता-पिता आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं या सजायाफ्ता हैं जिस कारण बच्चों की बेहतर देखभाल संभव नहीं हो पा रही है ऐसे सभी जरूरतमंद बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए पूरी कार्य योजना तैयार की गई है।
जनपद स्तर पर खिलौना बैंक संचालित है जिसमें लोगों द्वारा दान किए गए खिलौनों को आंगनवाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों को खेलने के लिए मुहैया कराए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि खिलौना बैंक की तर्ज पर ही जनपद में कपड़ा बैंक एवं पुस्तक बैंक बनाए जाएंगे जिसमें लोग गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पुस्तकें एवं कपड़े दान कर सकेंगे इन पुस्तकों एवं कपड़ों को जरूरतमंद बच्चों को आवश्यकतानुरूप मुहैया कराया जाएगा।
No comments