हिन्दी के साथ समाज सेवा की भी अलख जगा रहे मुनीश ,शिक्षा के साथ-साथ समाज सेवा में पाए अनेक सम्मान
गौरव जैन
रामपुर।अधिकतर लोग बनी बनाई परिपाटी पर चलते हैं लेकिन कुछ ऐसे होते हैं, जो अपनी ही बनाई गई रेखा पर चलते हैं, चाहे कोई कुछ कहे परन्तु वे अपनी ही धुन के पक्के होते हैं और अपनी ही राह पर चलते चलते ऐसा रास्ता तैयार कर देते हैं, जिसकी लोग तारीफ करने लगते हैं।वे अपना ऐसा उदाहरण तय कर देते हैं जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाये। जी हां बात हो रही है जैन इंटर कालेज के हिन्दी के प्रवक्ता मुनीश चंद्र शर्मा की। एक शिक्षक के साथ साथ वह इतने कार्यों को अंजाम देते हैं कि लोग हैरत में पड़ जाये।गांधी समाधि पर होने वाला कोई भी राष्ट्रीय कार्यक्रम ,सामाजिक, शोभायात्रा हो या फिर प्रशासनिक कार्यक्रम, ज़्यादातर में वह आपको संचालन करते मिल जाएंगे। उनका अपना विषय हिन्दी है, जिसमें उनका परीक्षाफल सदैव शत प्रतिशत रहता है। इसके अलावा वह बच्चों को वाद विवाद प्रतियोगिता के लिए इस प्रकार तैयार करते हैं कि बच्चे प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करें।अखिल भारतीय स्तर पर उनके प्रतिभागी शील्ड जीत चुके हैं।वह यही तक नहीं रुकते, बच्चों को योग विज्ञान की भी शिक्षा देते हैं।चूंकि उन्होंने स्वामी रामदेव से योग सीखा है इसलिये वह बच्चों के साथ साथ दूसरे लोगों को भी योग सिखाते हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित योग दिवस पर भी वह योग करा चुके हैं, तो जगह जगह योग शिविर आयोजित भी करते हैं। वह स्वामी रामदेव के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के जिलाध्यक्ष तो है ही कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी है।उनका कहना है कि उन पर ईश्वर की कृपा है कि वह शिक्षक बनना चाहते थे और बने। शिक्षण के बाद जो समय मिलता है, उसे समाजसेवा में समर्पित कर देते हैं। कारण माता पिता और अभिभावकों से मिली प्रेरणा।उनके पिता जी का कहना था कि शिक्षक परिवार से ज़्यादा समाज का होता है, इसलिये बचपन से ही पढ़ाई के साथ साथ वाद विवाद योग और समाज सेवा के कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर भाग लिया। उनके इस कार्य में परिवार खासकर पत्नी सुधा शर्मा भी पूरा सहयोग देती हैं।वह भी महिलाओं को योग सिखाती है।इन्हीं सब सेवा कार्य के चलते उनको तमाम पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।संस्कृति मंत्रालय द्वारा उनको संस्कृति संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए सम्मान मिल चुका है तो उत्तर प्रदेश दिवस पर जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित हो चुके हैं।उनका कहना है कि बच्चे अपनी संस्कृति से अलग न हो और भविष्य में समाज और देश के काम आ सके।वह इस कार्य में प्रयासरत रहते हैं और आगे भी इसी प्रकार शिक्षण कार्य के साथ साथ समाजसेवा करते रहेंगे। मुनीश चन्द्र शर्मा प्रखर वक्ता,समाज सेवी और आदर्श शिक्षक के रूप में जाने जाते हैं।
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