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आभूषणों पर अवैध हॉलमार्क लगाने वाले दुकान पर बीआईएस की टीम ने मारा छापा, लैपटॉप, डायरी जब्त, लेजर मार्किंग मशीन को किया सील



गौरव जैन


रामपुर। बीआईएस गाजियाबाद शाखा कार्यालय की टीम ने सूचना के आधार पर मेसर्स श्री बालाजी लेजर कटिंग सर्राफा बाजार में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। फर्म बीआईएस में पंजीकृत हुए बिना अवैध हॉलमार्किंग कर रही थी। यह ऑपरेशन भारतीय मानक ब्यूरो के विक्रांत (संयुक्त निदेशक), दिव्यांशु यादव (संयुक्त निदेशक), हरीश मीना (सहायक निदेशक) और हरिओम मीना (सहायक निदेशक) द्वारा थाना कोतवाली पुलिस के पुलिस कर्मियों के साथ किया गया था। तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान, लैपटॉप (लेजर मशीन सॉफ्टवेयर वाले), डायरी (बिक्री, खरीद के रिकॉर्ड और फर्जी एचयूआईडी नंबरों की सूची) और लेजर मार्किंग मशीन को सील कर दिया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के संयुक्त निदेशक विक्रांत ने बताया कि फर्म की शिकायत मिली थी कि श्री बाला जी लेज़र कटिंग का स्वामी धर्मेंद्र रस्तोगी पुत्र जय प्रकाश रस्तोगी अपने साथियों के साथ मिलकर सराफा बाजार में रूपयो के लालच में डाई कटिंग मशीन से मेटल के आभूषणों पर अवैध हॉलमार्क लगाने का कार्य करता है। जिस पर टीम ने जांच की तो मामला सही पाया गया और छापेमारी अभियान चला कर इस मशीन को सीज किया गया है। जिसका मा0 न्यायालय में वाद दाखिल किया जाएगा। उप निरीक्षक रामकुमार ने बताया कि भारत मानक ब्यूरो गाजियाबाद की सयुक्त टीम ने सराफा बाजार में धर्मेंद्र रस्तोगी पुत्र जय प्रकाश रस्तोगी की दुकान श्री बाला जी लेज़र कटिंग में छापेमारी की  जिसमे टीम जरूरी सबूत और लेजर मशीन को दुकान में ही सीज कर दिया है। 

20 से 50 रुपए में लगा देता था होल मार्क

सूत्रों के मुताबिक धर्मेंद्र रस्तोगी अपनी दुकान में कुछ महीने पहले लेजर कटिंग की मशीन लेकर आया था जिससे चांदी और मेटल की कटिंग की जाती है। जानकारी करने में पता लगा कि इस लेजर कटिंग मशीन से कंप्यूटर की सहायता से मेटल के तथा कम सोने वाले आभूषणों पर फर्जी होल मार्क बनाया जा सकता है। कुछ दुकानदारों की माने तो धर्मेंद्र रस्तोगी ₹20 से ₹50 लेकर मेटल के आभूषणों पर अवैध हॉल मार्क लगा दिया करता था। जिससे ग्राहकों को मोटा चूना लगा दिया जाता था। बिना नाम लिखने की शर्त पर कुछ सराफा कारोबारियों ने धर्मेंद्र को ऐसा न करने के लिए समझाया भी था लेकिन धर्मेंद्र  और उसके साथी रुपयों के लालच में इतना अंधे हो चुके थे कि वो अवैध हॉलमार्क लगाने के कार्य को करते रहे और अब पकड़े गए।

कितने आभूषणों पर फर्जी होलमार्क लगाया उसकी होगी जांच


भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियो ने दुकान से जो लैपटॉप और डायरी बरामद की है उसमे फर्म का लेखा जोखा लिखा है। जिसकी जांच की जाएगी उससे ये पता लगाने में आसानी होगी कि अब तक कितनी कीमत के आभूषणों पर धर्मेंद्र ने फर्जी होल मार्क बनाया है। अधिकारियो के मुताबिक डायरी के लेखा जोखा से उन दुकानदारों का भी पता चल जायेगा जो अपनी दुकान पर ग्राहकों को नकली होलमार्क का माल बेच कर  पूरे रुपए ऐठते है। सूत्रों के मुताबिक उन सभी दुकानदारों और लोगों पर भी  गाज गिर सकती है। जिन्होंने ग्राहकों को पक्का बिल देकर कच्चा माल दिया है। 

सादे आभूषणों के मुकाबले होलमार्क आभूषणों की कीमत है ज्यादा


एक सराफ कारोबारी से इस बाबत बात की तो उसने बताया कि सादे कारीगरों के हाथ के बने आभूषणों से ज्यादा होलमार्क के आभूषण की बाजार में डिमांड ज्यादा है और होलमार्क आभूषणों की बाजार में कीमत भी ज्यादा होती है और अगर किसी कारणवश ग्राहक को आभूषण बेचने या बदलने भी पड़े तो केवल होलमार्क देख कर उनकी अच्छी कीमत ग्राहक को मिल जाती है। लेकिन अब ऐसे फर्जी होलमार्क लगाने वाले इस दुकानदार के चक्कर में कितने ग्राहकों को होलमार्क लगा नकली सोना या कम प्रतिशत के सोने का आभूषण पूरी कीमत में मिला होगा जिसका आकलन लगाना इस डायरी और लैपटॉप से बहुत ही आसान हो जायेगा।

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