किशोरी बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिये लागू की गई एनडोलसेंड गर्ल्स योजना
गौरव जैन
रामपुर।11 से 14 वर्ष तक की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं की बहुआयामी आवश्यकताओं को समझना एवं इन बालिकाओं को स्कूल प्रणाली में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किशोरी बालिकाओं के लिए पुनर्गठित योजना एनडोलसेंड गर्ल्स लागू की गई है। इस योजना का क्रियान्वयन स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज, शिक्षा विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से किया जा रहा है।
योजना का मुख्य उद्देश्य किशोरी बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त बनाना है जिससे बालिकाएं आत्मनिर्भर व जागरूक बने। योजना के अंतर्गत लक्षित किशोरी बालिकाओं को औपचारिक स्कूली शिक्षा में वापस लाना या कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रेरित करना तथा आयरन फॉलिक एसिड पूरक, स्वास्थ्य जांच तथा रेफरल सेवाएं, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, जीवन कौशल शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंचने का परामर्श देना है।
जिलाधिकारी ने जनपद में किशोरियों से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के लिए संबंधित उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 12 सदस्यों की ब्लॉक स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति द्वारा शिक्षण की गुणवत्ता की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी तथा प्रशिक्षण को निर्धारित विषयों पर समयबद्ध पूरे सप्ताह आयोजित कराने के बारे में भी समिति समीक्षा करेगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि शासन द्वारा माह अगस्त के तीसरे सप्ताह में प्रशिक्षण आयोजित कराने के निर्देश प्राप्त हुए थे जिसके अंतर्गत जनपद में किशोरियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। प्रशिक्षण के दौरान कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं अन्य जरूरी सावधानियों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसके अलावा प्रशिक्षण नजदीकी विद्यालय, पंचायत भवन, ब्लॉक रिसोर्स सेंटर अथवा मुख्य सेविका द्वारा सेक्टर में चिन्हित स्थान पर प्रदान किए जाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि वहां किशोरी बालिकाओं की एएनएम द्वारा स्वास्थ्य जांच संभव हो तथा उन्हें स्वच्छता एवं सामान्य स्वास्थ्य, हक और अधिकार, योग का महत्व, कौशल शिक्षा सहित अन्य विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी प्रदान की जा सके। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के अंतर्गत पहले दिन किशोरियों को उनके स्वास्थ्य के अंतर्गत साफ सफाई, स्वच्छता, जल प्रबंधन, एनीमिया, हीमोग्लोबिन जाँच एवं योगाभ्यास सहित अन्य जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं। प्रशिक्षण के दूसरे दिन किशोरियों को पौष्टिक भोजन की आवश्यकता एवं पोषक तत्वों की कमी से होने वाली बीमारी तथा प्रशिक्षण के तीसरे दिवस में जीवन कौशल के अंतर्गत जागरूकता, विवाह की सही उम्र, साइकिल चलाने का प्रशिक्षण एवं प्राथमिक उपचार सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की जा रही है।
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