12 फिट लंबे अजगर ने बड़े जानवर को ज़िंदा निगला, जंगल से भटककर रिहायशी इलाके में पहुंचा अजगर
फ़राज़ कलीम खान
रामपुर। मिलक में जंगल से निकलकर एक बारह फिट लंम्बा अजगर गांव के समीप मंदिर के सामने नहर से निकलकर कच्चे रास्ते पर आ गया। वहां अजगर ने किसी जानवर का शिकार कर उसे निगल लिया। जानवर को निगल जाने के बाद अजगर का पेट फूल गया। पेट में भारी वजन होने के कारण अजगर, वहां से हिल- डुल नहीं सका। रात के समय अजगर को मंदिर के सामने देख लोगों की भीड़ लग गई। फोन कर वन विभाग को सूचना दी गई। सूचना के बाद दो कर्मचारी मौके पर पहुंचे और पूरी रात अजगर से कुछ दूरी बनाकर उसकी सुरक्षा करते रहे। रविवार सुबह साढ़े आठ बजे वन विभाग के अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे और ट्रैक्टर - ट्राली में लादकर, अजगर को ले गए। अजगर को डांडिया वन में छोड़ दिया गया।
कोतवाली क्षेत्र के सिहारी गांव के दक्षिण दिशा में सौ मीटर दूरी पर मंदिर है। बीती रात ग्यारह बजे मंदिर के पुजारी धारा जीत सिंह ने एक विशालकाय कठ- काठी के अजगर को मंदिर के सामने नहर के कच्चे रास्ते पर देखा तो उनके होश उड़ गए और शोर-शराबा मचाना शुरू कर दिया। अजगर होने की खबर आग की तरह फैल गई। कुछ ही देर में ग्रामीणों की भारी संख्या में भीड़ मौके पर लग गई। अजगर का पेट फटा हुआ था और उसका ब्लड बह रहा था। घायल होने की वजह से अजगर एक ही स्थान पर पड़ा रहा। गांव स्थित वन विभाग की चौकी प्रभारी श्याम लाल गंगवार फोन कर ग्रामीणों ने सूचना दी। वन विभाग के दो कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों की भीड़ को अजगर से दूर किया। रात भर दोनों कर्मचारी अजगर की सुरक्षा करते रहे। रविवार की सुबह चौकी प्रभारी अन्य वन विभाग के कर्मचारियों को लेकर वहां पहुंचे। अजगर को ट्रैक्टर ट्राली में रस्सी के सहारे लादा गया। अजगर को ट्रैक्टर ट्राली से डंडिया वन में छोड़ दिया गया। गांव स्थित वन विभाग की चौकी प्रभारी श्यामलाल गंगवार ने बताया कि अजगर की लंबाई 11 से 12 फीट के आसपास थी। अजगर मादा है और पूरी तरह स्वस्थ था। शिकार करते समय वह घायल हो गया था। उपचार के बाद उसे जंगल में छुड़वा दिया गया। वन रेंजर क्षेत्राधिकारी भगवंत सिंह बिष्ट ने बताया कि वन विभाग को रात साढ़े ग्यारह बजे अजगर की सूचना मिली। दो कर्मचारियों को मौके पर भेजकर अजगर की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया गया था। सुबह होने पर अजगर को ट्रैक्टर - ट्राली की मदद से डंडिया स्थित वन में छोड़ दिया गया। अजगर ने किसी जानवर का शिकार कर उसे निगला हुआ था। शिकार करते समय अजगर घायल भी हो गया है, वन में छोड़े जाने से पूर्व उसका उपचार किया जाएगा।
ग्रामीणों ने अजगर के बच्चे होने की जताई आशंका
वही ग्रामीणों ने आशंका जताई कि पकड़े गए अजगर के बच्चे गांव के जंगल में कहीं मौजूद होंगे जो उनके लिए भविष्य में खतरा बन सकते हैं। खेतों पर ग्रामीणों के साथ बच्चे भी जाते हैं, ऐसे में ग्रामीणों ने बच्चों की जान को लेकर खतरे की आशंका जताई। वहीं वन विभाग के गांव स्थित चौकी प्रभारी ने अजगर के बच्चे होने की बात को अफवाह बताया। उन्होंने बताया कि जंगल से भटक कर नदी के तेज बहाव में अक्सर जंगली जानवर रिहायशी इलाकों तक पहुंच जाते हैं। अजगर इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है। अभी तक अजगर द्वारा इंसानों पर हमले का कोई भी प्रमाण नहीं मिला है।
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