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खेती और किसान की दुश्मन बन चुकी हैं केंद्र व प्रदेश सरकार : भाकिसं

पंकज मौर्य


मिलक। भारतीय किसान संघ ने किसानों की अनेकों समस्याओं को लेकर अंबेडकर पार्क मिलक पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन धरना स्थल पर पहुंचे उप जिलाधिकारी मिलक अभय कुमार पाण्डेय एवं प्रभारी निरीक्षक मिलक अनिल कुमार सिंह को सौंपा। धरने को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष आदेश शंखधार ने कहा कि जनपद में धान की फसल की कटाई आरंभ हो चुकी है जनपद में अधिकतर कटाई का कार्य कंबाइन मशीनों द्वारा किया जाता रहा है इस खरीफ सीजन में पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को खेतों में कंबाइन नहीं चलाने दी जा रही है स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के इस्तेमाल के नाम पर फसल कटाई रोकी जा रही है जिससे जनपद के किसानों में प्रशासन के प्रति आक्रोश है कृषि विभाग द्वारा नाम मात्र की मशीनों में स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम को उपलब्ध कराया गया है और ना ही पहले से इस संबंध में ध्यान दिया गया जिससे अल्प समय में कंबाइन में एसएमएस लगाना असंभव है क्योंकि धान की फसल तैयार है और इसमें अब बिल्कुल भी समय नहीं। अधिकतर किसानों के पास अपनी स्वयं की कंबाइन मशीन नहीं होती और वह इसे किराए पर लेते हैं एसएमएस मशीनें नहीं होने से कटाई की लागत बढ़ रही है जिससे  किसान की आमदनी प्रभावित होगी अनेकों किसान पराली को अपने पशुपालन के कार्यों में प्रयोग करते हैं जो वह अब नहीं हो पाएगा। प्रशासन आदेशों का हवाला देकर किसानों को परेशान कर रहा है जबकि किसानों पर पराली जलाने पर दंड एवं जुर्माने का प्रावधान है किसान पराली नहीं जलाते फिर क्यों कंबाइन को फसल काटने से रोका जा रहा है इस तरह से खून पसीने से तैयार किसान की फसल प्रशासन खेत में ही नष्ट करना चाहता है। छियानबे प्रतिशत प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर राहत प्रदान की जा रही है जबकि चार प्रतिशत प्रदूषण का कारण बनने वाली खेती किसानी से जुड़े चौसठ प्रतिशत जनमानस को सॉफ्ट टारगेट मानकर निरंतर हर तरह से उनका उत्पीड़न किया जा रहा है यह क्या न्याय है। जिला प्रचार प्रमुख मुजीब कमाल ने कहा कि प्रशासन को प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग धंधे कल कारखाने जल प्रदूषित करने वाले उद्योगपति क्यों दिखाई नहीं देते प्रदूषण करती बड़ी-बड़ी मशीनें क्यों नजर नहीं आ रही। प्रशासन की इस तरह की किसान विरोधी नीति रीति से जनपद का किसान बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया गया है। प्रशासनिक उत्पीड़न से जनपद का किसान जूझ रहा है दूसरी ओर प्रशासन की नाकामी की वजह से मंडी समितियों में धान विक्रय में जमकर धांधली की जा रही है और किसान को फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है जिसका जीता जागता उदहारण मिलक मंडी के सामने अनधिकृत व्यापारी किसानों को खुलेआम लूट रहे हैं और जनपद में किसानों की अर्थव्यवस्था से जुड़ी साप्ताहिक बाजारों को नहीं खोलने दिया जा रहा है करोड़ों का गन्ना बकाया भुगतान जनपद की चीनी मिलों पर बकाया है, किसान सम्मान निधि का लाभ पाने को किसान दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं कहीं पर भी किसान की कोई सुनवाई नहीं भ्रष्टाचार का बोलबाला है प्रशासन सरकार की छवि को धूमिल करने को उतारू है किसान हाशिए पर है और बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है। इस मौके पर डॉ राजीव गंगवार, प्रमोद गुप्ता, मोहित मौर्य, प्रेमपाल, रमेश गंगवार, वीरेश शर्मा, लक्ष्मण गंगवार, भानु प्रताप सिंह, धर्मेंद्र, हरनंदन, सुबोध, विशाल, लालता प्रसाद, तेजपाल, विशाल पाण्डेय, पवन कुर्मी, विमल शर्मा मौजूद रहे।

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