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जिलाधिकारी ने चाकू के कारीगर यामीन के कारखाने पहुँचकर चाकू बनाने के तरीके को बारीकी से जाना

गौरव जैन

रामपुर। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह द्वारा जनपद के स्थानीय उत्पादों जैसे रामपुरी चाकू, वायलिन, पतंग, जरी जरदोजी, रामपुरी टोपी, चटापटी आदि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जिले के हुनरमंद कारीगरों को उनके पारंपरिक उद्योगों से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने के अवसर सृजित हों और स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिले।
 जिलाधिकारी शहर के बिलासपुर रोड स्थित नई बस्ती में रहने वाले चाकू के कारीगर यामीन के कारखाने पहुंचे जहां उन्होंने चाकू बनाने के तरीके को बारीकी से जाना। उन्होंने चाकू बनाए जाने में प्रयोग होने वाले कच्चे माल के बारे में यामीन से जानकारी प्राप्त की तथा उपायुक्त उद्योग सुशील कुमार शर्मा को निर्देशित किया कि यामीन के चाकू उत्पादन को बढ़ाने तथा उनकी चाकुओं की बिक्री के लिए मार्केट उपलब्ध कराने के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार सहित विभिन्न प्रकार से प्रोत्साहन दिया जाए। उन्होंने कहा कि रामपुरी चाकू रामपुर की परंपरा रही है  और रामपुर  को पहले इसी नाम से जाना जाता था। मानक के अनुसार आकार वाली चाकू को काफी लोकप्रिय बनाया जा सकता है और इसको एक ब्रांड के रूप में भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। लंबे समय से यह प्रयास किए जा रहे हैं कि कारीगर आगे आएं। यामीन जैसे लोगों को  प्रोत्साहित करने और आगे बढ़ाने की जरूरत है  ऐसे लोगों की दिक्कतों को समझने और उन दिक्कतों को दूर करके उन्हें  सपोर्ट करने की आवश्यकता है इससे रामपुर की पहचान को बढ़ावा मिलेगा साथ ही  रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।  उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को  आगे लाने की  प्रधानमंत्री के हुनर हाट की मंशा को बढ़ावा मिलता है। जब कारीगर आगे बढ़ेगा अभी स्थानीय उत्पादों  को बेहतर पहचान मिलेगी वरना कारीगर  दिहाड़ी में ही रह जाता है और उसके हुनर का वास्तविक लाभ दुकानदार या व्यापारी ले जाते हैं।  ऐसे लोगों को यदि आगे लाया जाता है तो दूसरे लोगों को  भी यह हुनर सिखाएंगे और  उन्हें रोजगार से जुड़ने में मदद करेंगे।  उन्होंने कहा कि  इस समय बहुत जरूरत है कि स्थानीय उत्पादों को विश्व पटल पर पहचान दिला कर  उन्हें लोगों के सामने लेकर आएं  और रामपुरी चाकू के सकारात्मक पहलू  की पहचान लोगों को हो सके।
 चाकू कारीगर यामीन के कारखाने पहुंचने के बारे में उन्होंने बताया कि जब तक सीधे हुनरमंद से जुड़कर उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए  कार्य नहीं होगा  तब तक  अपेक्षित परिणाम संभव नहीं है  इसलिए  उनकी स्थिति स्वयं देखने और उन्हें क्या सपोर्ट दिया जा सकता है इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कारीगर के कारखाने का भ्रमण किया गया। उन्होंने कहा कि यामीन का लाइसेंस नवीनीकरण  आगामी दो से तीन दिवस के भीतर कर दिया जाएगा तथा  उन्हें मटेरियल की उपलब्धता  और  कार्यस्थल की व्यवस्था के संबंध में भी जरूरी कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा  इन उत्पादों की हुनर हाट में भी प्रदर्शनी रहेगी।
यामीन ने भी जिलाधिकारी के पहुंचने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि वे लगभग 35  सालों से  यह कार्य कर रहे हैं और ऐसा पहली बार हो रहा है कि जिलाधिकारी उनके कारखाने आए हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा उन्हें  पहली बार आगे बढ़ाया जा रहा है अब  उनका काम  फिर से  बेहतर तरीके से शुरू हो सकेगा इसके लिए जरूरी मटेरियल खरीदने और मशीन लगाने के लिए भी  सुविधा मिल सकेंगी जिससे उन्हें उन्नत  प्रकार की चाकू बनाने के दौरान कोई समस्या नहीं आएगी।
इसी दौरान जिलाधिकारी नई बस्ती में जरी-जरदोजी से जुड़े कारीगरों के हुनर को भी देखा तथा उनकी कारीगरी की सराहना करते हुए उपायुक्त उद्योग  से कहा कि वे ऐसे लोगों के लिए लोन की उपलब्धता और बेहतर मार्केट उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करें।

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